Virendra Sehwag Biography In Hindi
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वीरेंद्र सहवाग |
दोस्तों आज मैं आप सबके सामने एक ऐसे ही क्रिकेटर के कहानी के बारे में बात करने वाला हूं इसलिए विश्व क्रिकेट को बदल कर रख दिया। जी हां मैं भारत क्रिकेट के सबसे विस्फोटक और सफल ओपनर मैं से एक नजफगढ़ के नवाब और आधुनिक क्रिकेट के जेन मास्टर वीरेंद्र सहवाग के बारे में बात कर रहा हूं।
आइए आज हम आपको इसके जीवन से परिचित कराते हैं जिसमें कि हम आपको वीरू के बारे में हर एक जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
वीरेंद्र सहवाग का जन्म और व्यक्तिगत जीवन
वीरेंद्र सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर 1976 को जाट परिवार में हरियाणा में हुआ था। इसके पिता का नाम किशन सहवाग और माता का नाम कृष्णा सहवाग हैं। वीरेंद्र सहवाग की दो बहने भी है जिसका नाम अंजू एवं मंजू है एवं वीरेंद्र सहवाग से छोटा उसका एक भाई भी है जिसका नाम विनोद सहवाग है।
वीरेंद्र सहवाग जब मात्र 7 माह के थे तभी से वह खिलौने के बैट से खेलने लगे थे। जब वीरेंद्र सहवाग 12 वर्ष के हुए तो खेलते वक्त गेंद लगने से उसकी दांत टूट गई जैसे ही पिता को खबर मिली उन्होंने सहवाग को खेलने पर रोक लगा दी। परंतु उसकी माता के कहने पर वीरेंद्र सहवाग पुनः खेलने लगे। शायद उस दिन अगर उसकी माता वीरेंद्र सहवाग को सपोर्ट नहीं करते तो शायद आज क्रिकेट को इतना बड़े खिलाड़ी नहीं मिलता।
वीरेंद्र सहवाग ने 2004 में आरती अहलावत से शादी कर ली। वीरेंद्र सहवाग के दो बेटे भी हैं जिसका नाम आर्यवीर सहवाग और वेदांत सहवाग है। वीरेंद्र सहवाग अपने परिवार के साथ दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में रहते हैं। साथ ही साथ अब वीरेंद्र सहवाग आपको अनेक मैचों में कमेंट्री करते देख सकते हैं।
वीरेंद्र सहवाग की प्रारंभिक शिक्षा अरोरा विद्या स्कूल दिल्ली में हुई इसके बाद उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया कॉलेज से ग्रेजुएट किया।
सहवाग टेस्ट क्रिकेट कैरियर
वीरेंद्र सहवाग ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 3 नवंबर 2001 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ की। इसी मैच में उन्होंने शतक जड़ा और सचिन तेंदुलकर के साथ बड़ी साझेदारी की। वीरेंद्र सहवाग का टेस्ट के लिए बेहद शानदार रहा है उन्होंने अपने इस कैरियर के दौरान कई कीर्तिमान अपने नाम दर्ज कराएं।
अपने खेल के साथ कभी भी समझौता नहीं किया। टेस्ट हो या वनडे या t20 उससे कोई फर्क नहीं पड़ता वह अपने अंदाज में खेलता था। उसका अंदाज बेहद ही आक्रमक था। जब उसके हाथ में बैट आ जाता तो वह गेंदबाजों पर टूट पड़ते थे।
वीरेंद्र सहवाग ने अपने टेस्ट कैरियर में कुल 104 मैच खेले जिसमें कि उन्होंने 8586 रन बनाए इस दौरान उसका औसत लगभग 50 का रहा है। उन्होंने अपने टेस्ट कैरियर में कुल 23 शतक और 32 अर्धशतक लगाए। इस दौरान उन्होंने 319 रनों की उच्चतम पारी खेली जो कि अभी तक किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा टेस्ट में बनाया गया उच्चतम स्कोर है। वीरेंद्र सहवाग ने अपने टेस्ट कैरियर में दो तिहरे शतक लगाए।
वीरेंद्र सहवाग वनडे क्रिकेट कैरियर
वीरेंद्र सहवाग ने अपने वनडे क्रिकेट कैरियर की शुरुआत 1 अप्रैल 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ की। इस मैच में वह सिर्फ 1 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद सहवाग ने वापसी की और भारतीय टीम के जबरदस्त बल्लेबाज बन गए। उसका वनडे क्रिकेट केरियर भी शानदार रहा है।
उन्होंने अपने वनडे क्रिकेट कैरियर में 251 वनडे मैच खेले इस दौरान उन्होंने 8273 रन बनाए जिसमें कि 15 शतक और 38 अर्धशतक शामिल है। इस दौरान उसका उच्चतम स्कोर 219 रहा है जिसे उन्होंने अपनी कप्तानी में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में बनाया था। वनडे का यह स्कोर किसी भी कप्तान द्वारा बनाया गया उच्चतम स्कोर है।
विरेंद्र सेहवाग t20 कैरियर
सहवाग ने अपने t20 करियर की शुरुआत 1 दिसंबर 2006 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ की। वीरेंद्र सहवाग का t20 कैरियर इतना लंबा नहीं चला। उन्होंने अपने t20 करियर में 19 मैच खेले और उन्होंने इस दौरान 394 रन बनाए जिसमें कि 2 से अधिक शतक शामिल थे। इस बार उसका उच्चतम स्कोर 68 रन रहा है।
वीरेंद्र सहवाग आईपीएल क्रिकेट कैरियर
विरेंद्र सेहवाग आईपीएल क्रिकेट कैरियर बेहद शानदार रहा है। उन्होंने कई विस्फोटक पारी खेली है। आईपीएल में वह दिल्ली कैपिटल्स और किंग्स इलेवन पंजाब जैसी टीमों से खेल चुके हैं। सहवाग ने अपने आईपीएल करियर में 104 मैच खेली जिसमें कि उन्होंने 2728 रन बनाए इस दौरान उसका उच्चतम स्कोर 122 रन रहा है। सहवाग ने आईपीएल में 2 शतक और 16 अर्धशतक लगाए।
वीरेंद्र सहवाग ने अपने कैरियर के दौरान कई बेहतरीन पारियां खेली। 2011 के वर्ल्ड कप में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ पहले ही मैच में 175 रनों की पारी खेली। वीरेंद्र सहवाग हमेशा ही अपनी टीम को तेज शुरुआत दिलाने की कोशिश करते थे और शुरू से ही गेंदबाज को अपने निशाने पर ले लेना शुरू कर देते थे।
उसकी कोशिश रहती थी कि सदा गेंदबाजों पर वह प्रेशर बना के रखे। इसमें वह कई बार कामयाब भी हुए।
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